तीन नौजवान अमेरिका में होटल में ठहरे (75 Floor) मंजिल में कमरा मिला।
रात बारह बजे लिफ्ट बंद हो जाती
एक बार लेट हो गए। सीढ़ियाँ चढ़ते बोरियत दूर करने के लिए एक ने एक लतीफा सुनाया और पच्चीसवीं मंजिल तक आ गए।दूसरे ने गाना सुनाया और अब पचासवीं मंजिल तक आ गए। और तीसरे ने बीमारी सेहत पर किस्सा सुनाया और अब पचत्तरवीं मंजिल पर आ गए। कमरे के दरवाज़े पर पहुँच कर याद आया कमरे की चाबी तो Reception पर भूल आए हैं।
तीनों बे दम होकर गिर पड़े।
सबक
इंसान अपनी ज़िन्दगी के पच्चीस साल खेल कूद हँसीमज़ाक और फज़ूलियत में ज़ाया कर देता है। अगले पच्चीस साल नौकरी काम धंधे शादी बच्चों और उनकी शादी में गुज़ार देता है।
और अब पच्चीस साल अगर ज़िन्दा रहे बीमारी डॉक्टर हॉस्पिटल में चले जाते हैं,
मर गए तब पता चलता है कि परमात्मा के दर की चाबी तो लाएँ ही नहीं हैं,
वो तो दुनिया में ही रह गईं है।
सुमिरन परमात्मा के दर की चाबी है। आएँ कुछ अच्छा करें आओ रोज सुमिरन करें
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