एक बीबी थी। बहुत ज्यादा भजन सिमरन करना सेवा करनी किसी को कभी गलत न बोलना, सब से प्रेम से मिलकर रहना उस की आदत बन चुकी थी। वो सिर्फ एक चीज़ से दुखी थी के उस का आदमी उस को रोज़ किसी न किसी बात पर लड़ाई झगड़ा करता। उस आदमी ने उसे कई बार इतना मारा की उस की हड्ड़ी भी टूट गई थी। लेकिन उस आदमी का रोज़ का काम था, झगडा करना.
उस बीबी ने गुरु जी से प्रार्थना की हे सच्चे पातशाह मेरे से कोंन भूल हो गई है। मै सत्संग भी जाती हूँ सेवा भी करती हूँ। भजन सिमरन भी आप के हुक्म के अनुसार करती हूँ। लेकिन मेरा आदमी मुझे रोज़ मारता है। मै क्या करूँ.
गुरु जी ने कहा क्या वो तुझे रोटी देता है बीबी ने कहा हाँ जी देता है.
गुरु जी ने कहा फिर ठीक है। कोई बात नहीं
उस बीबी ने सोचा अब शायद गुरु की कोई दया मेहर हो जाए और वो उस को मारना पीटना छोड़ दे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उस की तो आदत बन गई ही रोज़ अपनी घरवाली की पिटाई करना.
कुछ साल और निकल गए उस ने फिर गुरु जी से कहा की मेरा आदमी मुजे रोज़ पीटता है। मेरा कसूर क्या है?
गुरु जी ने फिर कहा क्या वो तुम्हे रोटी देता है। उस बीबी ने कहा हांजी देता है। तो गुरु जी ने कहा फिर ठीक है। तुम अपने घर जाओ। बीबी बहुत निराश हुई कि गुरु जी ने कहा ठीक है। वो घर आ गई लेकिन उस के पति के सवभाव वैसे का वैसा रहा रोज़ उस ने लड़ाई झगडा करना। वो बीबी बहुत तंग आ गई.
कुछ साल गुज़रे फिर गुरु जी के पास गई के वो मुझे अभी भी मारता है। मेरी हाथ की हड्डी भी टूट गई है। मेरा कसूर क्या है? मै सेवा भी करती हूँ। सिमरन भी करती हूँ फिर भी मुझे जिंदगी में सुख क्यों नहीं मिल रहा गुरु जी महाराज ने फिर कहा वो तुजे रोटी देता है, उस ने कहा हांजी देता है, गुरु जी ने कहा फिर ठीक है..
इस बार वो बीबी जोर जोर से रोने लगी और बोली की गुरु जी मुझे मेरा कसूर तो बता दो मैंने कभी किसी के साथ बुरा नहीं किया फिर मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है..
गुरु जी कुछ देर शांत हुए और फिर बोले
बीबी तेरा घरवाला पिछले जनम में तेरा बेटा था। तू उस की सोतेली माँ थी। तू रोज़ उसको सुबह-शाम मरती रहती थी। और उस को कई कई दिन तक भूखा रखती थी। शुक्र मना के इस जनम में वो तुझे रोटी तो दे रहा है। ये बात सुन कर बीबी एक दम चुप हो गई गुरु जी महाराज ने कहा बेटा जो करम तुमने किए है उस का भुगतान तो करना ही पड़ेगा ना.
फिर उस बीबी ने कभी गुरु जी से शिकायत नहीं की क्यों की वो सच को जान गई थी.
इसलिए हमें भी कभी किसी का बुरा नहीं करना चाहिए सब से प्रेम प्यार के साथ रहना चाहिए.
हमारी जिन्दगी में जो कुछ भी हो रहा है सब हमारे कर्मो का लेखा जोखा है। जिस का हिसाब किताब तो हमें देना ही पड़ेगा!!
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