लड्डू गोपाल, जिनका नाम ही उनके भक्तों के मुख मण्डल को प्रसन्नता से आलोकित कर देता है । एक ऐसा प्यारा सा नन्हा सा बालक जिसके एक हाथ में सदा लड्डू विराजमान रहता है, लड्डू के बिना जो एक पग भी आगे नहीं बढ़ता। जिसकी मोटी-मोटी गोल-गोल प्यारी-प्यारी आँखे सदैव लड्डू पर ही लगी रहती है, जिसका सर्वाधिक प्रिय भोग लड्डू है । लड्डू को देखते ही जिसकी आँखों में लालच दिखाई देने लगता है जीभ ओठों पर आ जाती है, लड्डू के लालच में जो कुछ भी करने को तैयार हो उनका नाम है लड्डू गोपाल । जन्म-जन्म के भूखे हैं लड्डू के लड्डू गोपाल जी, इनकी लड्डू की भूख कभी समाप्त ही नही होती । लड्डू के नाम पर कोई भी भक्त इनको कभी भी कही भी बुला सकता है, दौड़े चले आते हैं लड्डू गोपाल जी ।
किन्तु क्या लड्डू खाना और लड्डू के लिए मचलना यही लड्डू गोपाल जी का कार्य है। नही, कतापि नहीं, लड्डू गोपाल जी की महिमा अपरम्पार है। इनकी लीला और महिमा की कोई थाह नही, लड्डू गोपाल जी के चमत्कार निराले हैं । वर्तमान समय में घर-घर में लड्डू गोपाल जी विराजमान रहते है। लड्डू गोपाल जी की सेवा करना, उनसे प्रेम करना कृष्ण प्रेमियों का सबसे प्रिय कार्य है। जिस भी घर में लड्डू गोपाल जी विराजमान होते हैं उस घर परिवार के सभी लोग लड्डू गोपाल जी से बहुत प्रेम करते है और पूरे मनोयोग से उनकी सेवा करते हैं। लड्डू गोपाल जी की सेवा में जो सुख प्राप्त होता है वह उनके भक्त ही जान सकते है, ऐसा सुख मानो सुख के सागर में ही खड़े हो, एक ऐसा आलोकिक सुख जो अन्यन्त्र कही भी प्राप्त नही हो सकता।
लड्डू गोपाल जी के सभी भक्त यह भली प्रकार जानते हैं कि लड्डू गोपाल जी मात्र एक प्रतीमा ही नही हैं वह एक जीवित शक्ति है। यूं तो प्रत्येक घर में अनेक देवी-देवताओं की मूर्ती फोटो आदि होती हैं, किन्तु लड्डू गोपाल जी की प्रतीमा में थोड़ी सी सेवा और प्रेम भाव से शीघ्र ही प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है, तब लड्डू गोपाल जी घर के एक सदस्य के रूप में सदा साथ रहते है।
लड्डू गोपाल की सेवा तो अनेक घरों में कि जाती है किन्तु लड्डू गोपल जी के चमत्कार किसी-किसी को ही देखने को मिलते हैं। जिनको लड्डू गोपाल जी एक बार अपना चमत्कार दिखा दें उसका जीवन पूर्ण रूप से परिवर्तित हो जाता है। फिर लड्डू गोपाल जी उसका साथ जीवन भर नहीं छोड़ते। लड्डू गोपाल जी एक बार जिस पर रीझ जाते हैं फिर एक पल भी उसका साथ नहीं छोड़ते। कहने वाले कुछ भी कहें लेकिन यह परम सत्य है कि एक बार लड्डू गोपाल जी का मन आप पर आ गया तो फिर वह आपका दामन कभी नहीं छोड़ने वाले। वह हर पल आपके साथ ही रहेंगे।
आप विश्वाश करें या न करे किन्तु वह एक जीवित सदस्य के समान ही आपके साथ व्यव्हार करेंगे। आपके साथ आपकी थाली में आपके हाथों से भोजन करेंगे, आपके साथ आपके बाजार जायेंगे, आपके साथ खेलेंगे। आपसे कहानी सुनेंगे, आपके साथ आपके बिस्तर पर ही सोएंगे, सर्दी लगेगी तो गर्म कपडे मांगेंगे, गर्मी लगेगी तो उसकी भी शिकायत करेंगे। एक बच्चे के समान ही आपसे जिद्द भी करेंगे, तरह-तरह की खाने की वस्तुएं भी मांगेंगे। अच्छे कपडे भी पहनेंगे, आपसे लड़ेंगे भी और आपसे दुलार भी करेंगे। आपकी गोदी में बैठेंगे, आपकी बाते भी मांगेगे। इतना ही नहीं आप कहेंगे तो आपके कहे कार्य भी करेंगे। आपसे खिलोने भी मांगेंगे ना केवल अपने लिए बल्कि यदि आपके साथ बाजार में हैं तो किसी भी असहाय बच्चे के लिए भी खिलोने लेने के लिए कहेंगे। गरीबों असहायों की सेवा भी आपसे करवाएंगे। उनके लिए भोजन, वस्त्र आदि की व्यवस्था करवाएंगे। कोई गरीब यदि बीमार है तो उसके लिए आपसे दवा का प्रबन्ध भी करवाएंगे। जो लोग लड्डू गोपाल जी का ध्यान अपने पुत्र के सामान करते है लड्डू गोपाल जी उनके साथ भी पुत्र के सामान ही लाड करते हैं। घर-परिवार के सदस्य यदि लड्डू गोपाल जी के साथ घुल-मिल जाएँ तो यह इस तरह उनसे घुल-मिल जाते हैं कि उन पर किसी की डाँट का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता आप डांटते रहिये वह मुस्कराते रहेंगे। यदि आप किस बात पर रुष्ट हो जाएँ तो फिर वह आपको मनाने से भी पीछे नही हटते। हर पल खेलना, मस्ती करना, धमाल मचाना लड्डू गोपाल जी को बहुत प्रिय है। आपके साथ हर पल धमाल मचाते रहेंगे, फिर भी मन नही भरेगा।
लड्डू गोपाल जी के भक्त प्रेमियों यह मात्र काल्पनिक विवरण नही वरन एक शास्वत सत्य है। जो भी भक्त लज्जा और संकोच छोड़ कर लड्डू गोपाल जी में रम जाता है, लड्डू गोपाल जी भी उसमे उसी प्रकार से रम जाते हैं। लड्डू गोपाल जी के बहुत से भक्त लड्डू गोपाल जी को प्रसन्न करना भली प्रकार से जानते हैं किन्तु अधिकांश भक्त इस बात से अनभिज्ञ है कि लड्डू गोपाल जी की कृपा किस प्रकार प्राप्त करी जाए। लड्डू गोपाल जी को इस बात से कभी कुछ लेना देना नही कि आप उनकी पूजा, स्तुति किस प्रकार से कर रहे हो , उनको इससे भी कुछ लेना देना नही कि आप उन पर कितना पैसा ख़र्च कर रहे हो, वह इस बात पर कभी ध्यान नहीं देते कि आपने उनकी सुख-सुविधा का कितना ध्यान रखा है लड्डू गोपाल जी तो मात्र यह देखते हैं कि उनके प्रति आपकी भावना कितनी शुद्ध, श्रद्धा पूर्ण और पवित्र है। लड्डू गोपाल जी उस व्यक्ति से विशेष प्रसन्न रहते हैं जो अपने लिए नही दूसरों के लिए जीते हैं, जिनको अपने सुख की नही दूसरों के दुःख की अधिक चिंता रहती है, जो किसी के कष्ट को देखकर द्रवित होते हैं और उसका कष्ट दूर करने का प्रयास करते हैं। जो स्वयं भूंखे रहकर भी दूसरों का पेट भरते हैं। ऐसी सांसारिक तपस्या की अग्नि से शुद्ध हुआ व्यक्ति लड्डू गोपाल के पीछे नहीं दौड़ता बल्कि लड्डू गोपाल उसके पीछे दौड़ते हैं की मुझे अपना लो ! !
लड्डू गोपाल जी एक बार जिस पर प्रसन्न हो जाएं उसका जीवन हर प्रकार से सुरक्षित हो जाता है, सुख-समृद्धि, धन-वैभव की कोई कमी नही रहती। समस्त कार्यों में सफलता प्राप्त होती है, रोग, कष्ट, कलशों से मुक्ति प्राप्त होती है। अधिक क्या कहना उस व्यक्ति के सम्बन्ध में भला क्या कहना जिसके साथ स्वयं भगवान हो
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