एक पिता बेटे को डॉक्टर बनाना चाहता था। बेटा इतना मेधावी नहीं था कि परीक्षा पास कर लेता। इसलिए दलालों से एमबीबीएस की सीट खरीदने का जुगाड़ किया गया। जमीन, जायदाद जेवर गिरवी रख के कई लाख रूपये दलालों को दिए, लेकिन वहाँ धोखा हो गया। फिर किसी तरह विदेश में लड़के का एडमीशन कराया गया, वहाँ भी चल नहीं पाया। फेल होने लगा और डिप्रेशन में रहने लगा। वह रक्षाबंधन पर घर आया और यहाँ फांसी लगा ली। कुछ दिन बाद माँ बाप और बहन ने भी कीटनाशक खा के आत्म हत्या कर ली।
अपने बेटे को डॉक्टर बनाने की झूठी महत्वाकांक्षा ने पूरा परिवार लील लिया। माँ बाप अपने सपने,अपनी महत्वाकांक्षा अपने बच्चों से पूरी करना चाहते हैं जब कि हर बच्चे की इच्छा अपने सपने पूरे करना चाहता है
मैंने देखा कि कुछ माँ बाप अपने बच्चों को
टॉपर बनाने के लिए इतना ज़्यादा दबाव डालते हैं कि बच्चे का स्वाभाविक विकास ही रुक जाता है।
आधुनिक स्कूल बच्चे की शिक्षा ऐसे करती है जैसे सेब के बाग़ में सेब की खेती की जाती है। पूरे देश के करोड़ों बच्चों को एक ही पाठ्य क्रम पढ़ाया जा रहा है
जैसे जंगल में सभी पशुओं को एकत्र कर सबका इम्तहान लिया जा रहा है और पेड़ पर चढ़ने की क्षमता देख के उसका नाम घोषित किया जा रहा है। यह शिक्षा व्यवस्था ये भूल जाती है कि इस प्रश्नपत्र में तो बेचारा हाथी का बच्चा फेल हो जाएगा और बन्दर प्रथम आ जाएगा।अब पूरे जंगल में ये बात फ़ैल गयी कि कामयाब वो जो झट से कूद के पेड़ पर चढ़ जाए। बाकी सबका जीवन व्यर्थ है। इसलिए उन सब जानवरों के, जिनके बच्चे कूद के झटपट पेड़ पर न चढ़ पाए, उनके लिए कोचिंग खुल गए, वहां बच्चों को पेड़ पर चढ़ना सिखाया जाता है। चल पड़े हाथी, जिराफ, शेर और सांड़, भैंसे और समंदर की सब मछलियाँ चल पड़ीं अपने बच्चों के साथ, कोचिंग की ओर कि हमारा बेटा भी पेड़ पर चढ़ेगा और हमारा नाम रोशन करेगा।
हाथी के घर लड़का हुआ तो उसने उसे गोद में ले के कहा- 'हमरी जिन्दगी का एक ही मक़सद है कि हमारा बेटा भी पेड़ पर चढ़ेगा।' और जब बेटा पेड़ पर नहीं चढ़ पाया, तो हाथी ने सपरिवार ख़ुदकुशी कर ली।
अपने बच्चे को पहचानिए। वो क्या है,ये जानिये। हाथी है या शेर,चीता,लकडबग्घा,जिराफ या ऊँट है मछली , या फिर हंस,मोर या कोयल ? क्या पता वो चींटी ही हो ? और यदि चींटी है आपका बच्चा,तो हताश निराश न हों। चींटी धरती का सबसे परिश्रमी जीव है और अपने खुद के वज़न की तुलना में एक हज़ार गुना ज्यादा वजन उठा सकती है।
इसलिए अपने बच्चों की क्षमता को परखें और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। हतोत्साहित नही।
Millions of millions years have passed and human civilization comes into existence. Existence of God is eternal truth
BE PRACTICAL

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2 comments:
NIce poem
NIce poem
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