गुरु जी की प्यारी संगत को जय गुरु जी।
सरबत दा भला होवे गुरु जी।
एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया !
कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए,
कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये!
हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाये!
एक दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा, देखिये प्रभु,
आप परमात्मा हैं, लेकिन लगता है आपको खेती बाड़ी की ज्यादा जानकारी
नहीं है
एक प्रार्थना है कि एक साल मुझे मौका दीजिये, जैसा मै चाहू वैसा मौसम हो
फिर आप देखना मै कैसे अन्न के भण्डार भर दूंगा!
परमात्मा मुस्कुराये और कहा ठीक है, जैसा तुम कहोगे वैसा ही मौसम दूंगा, मै दखल नहीं करूँगा!
किसान ने गेहूं की फ़सल बोई, जब धूप चाही, तब धूप मिली, जब पानी
तब पानी !
तेज धूप, ओले, बाढ़, आंधी तो उसने आने ही नहीं दी,
समय के साथ फसल बढ़ी और किसान की ख़ुशी भी, क्योंकि ऐसी फसल
तो आज तक नहीं हुई थी !
किसान ने मन ही मन सोचा अब पता चलेगा परमात्मा को,
कि फ़सल कैसे उगाई जाती हैं,
बेकार ही इतने बरस हम किसानो को परेशान करते रहे.
फ़सल काटने का समय भी आया , किसान बड़े गर्व से फ़सल काटने गया,
लेकिन जैसे ही फसल काटने लगा , एकदम से छाती पर हाथ रख कर बैठ गया!
गेहूं की एक भी बाली के अन्दर गेहूं नहीं था, सारी बालियाँ अन्दर से खाली थी,
बड़ा दुखी होकर उसने परमात्मा से कहा, प्रभु ये क्या हुआ ?
तब परमात्मा बोले,” ये तो होना ही था, तुमने पौधों को संघर्ष का ज़रा सा भी मौका नहीं दिया .
ना तेज धूप में उनको तपने दिया , ना आंधी ओलों से जूझने दिया ,
उनको किसी प्रकार की चुनौती का अहसास जरा भी नहीं होने दिया ,
इसीलिए सब पौधे खोखले रह गए,
जब आंधी आती है, तेज बारिश होती है ओले गिरते हैं तब पोधा अपने बल से
ही खड़ा रहता है,
वो अपना अस्तित्व बचाने का संघर्ष करता है और इस संघर्ष से जो बल पैदा होता है वोही उसे शक्ति देता है ,उर्जा देता है,
उसकी जीवटता को उभारता है.
सोने को भी कुंदन बनने के लिए आग में तपने , हथौड़ी से पिटने,गलने जैसी चुनोतियो से गुजरना पड़ता है तभी उसकी स्वर्णिम आभा उभरती है,
उसे अनमोल बनाती है !”
उसी तरह जिंदगी में भी अगर संघर्ष ना हो, चुनौती ना हो तो आदमी
खोखला ही रह जाता है, उसके अन्दर कोई गुण नहीं आ पाता !
अगर जिंदगी में प्रखर बनना है, प्रतिभा शाली बनना है, तो संघर्ष और चुनोतियो का सामना तो करना ही पडेगा।
शुकराना मेरे प्यारे गुरुजी
जय जय गुरु जी।
हम ईश्वर का शत शत नमन करें
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