PRESENCE OF GOD EVERYWHERE

ईश्वर कण-कण में है,अंग संग है ,पत्ते पत्ते में ,जर्रे-जर्रे में है,जब यह हर जगह व्याप्त हैं ,हमारे हर करम यह देख रहा है हमें हर अच्छे और बुरे कर्म का फल भी दे रहा है फिर क्या जरुरत पड़ी है कि हम इसे जाने यदि इसे नहीं भी जानते हैं तो भी तो हमारे अंग संग ही है? संत जी ने एक कहानी का सहारा लेकर इस बात को समझाया। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति पसीने से तरबतर बहुत परेशान था,धूप में चला जा रहा है ,उसके हाथों में एक साइकिल है लेकिन फिर भी वो उस पर बैठ नहीं रहा है! राह चलते किसी सज्जन ने उससे पूछा ,भाई साहब आपके पास साइकिल है फिर भी आप पैदल क्यों जा रहे हैं? उन्होंने कहा साइकिल तो मेरे पास है परंतु इसके टायर में हवा नहीं है।वह व्यक्ति मुस्कुराया और कहां हवा तो हमारे चारों तरफ भरपूर है फिर भी आप के टायर में हवा क्यों नहीं? बिना हवा के तो हम एक पल सांस भी नहीं ले सकते यदि एक पल भी हवा ना मिले तो हमारी जान निकल जाए।
वह व्यक्ति उन्हें पास के एक साइकिल दुकान में ले गया और पाइप लेकर हवा भर दिया। जिस पाइप से वह हवा भर रहा था उस पाइप में कोई मशीन नहीं लगी थी ,वह आसपास की उपलब्ध हवा की द्वारा ही  पहिए में हवा भर दिया  ।
पाइप ने एक माध्यम का काम किया ,उसने हवा को बनाई नहीं बल्कि वहीं उपलब्ध हवा के द्वारा उसने साइकिल के पहिए में हवा भर दी।हवा भर जाने के बाद वह व्यक्ति बड़े आराम से साइकिल पर बैठकर अपने गंतव्य की ओर सुगमता से चला गया।
संतजी ने समझाया, इस कहानी में बहुत ही सरल तरीके से बात समझा  दी गई कि जिस प्रकार हवा भरने वाली पाइप ने हवा को बनाया नहीं बल्कि आसपास की हवा को ही उस साइकिल के पहिए में भर दिया ।हवा भरने के पाइप ने सिर्फ एक माध्यम का काम किया और उस व्यक्ति की समस्या का समाधान हो गया।
इसी प्रकार गुरुजी तो अंग  संग है लेकिन जब तक गुरुजी की कृपा नहीं होती ,किसी जानने वाले के द्वारा इसकी जानकारी नहीं दी जाती तब तक इसे  देख नहीं पाते, इसका एहसास नहीं कर पाते, यह निरंकार दातार हर पल पास तो होता है लेकिन इसका हम किसी प्रकार उपयोग नहीं कर पाते ,इस से नाता जोड़ नही पाते ,इसको महसूस नहीं कर पाते।
गुरुजी की कृपा होती है इसे अंग संग  दिखला दिया जाता है इसके बाद ही इस का आसरा लेकर जीवन को आनंदित और सुहेला करते हैं। इसकी जानकारी ‌के पश्चात ही इसके साथ नाता जुड़ता है, इसके साथ प्रेम होता है। इसका एहसास हर पल हमें आनंदित रखता है।