GOD REMOVE OUR SINS

संत धोबी जैसे काम करते हैं
जैसे धोबी के पास कितने कपड़े आते हैं मैकेनिक के, हलवाई के और भी ना जाने किनके किनके आते हैं, लेकिन वो किसी से उनकी जात नही पूछता क्योकि उसका काम सिर्फ कपड़े की मैल निकल कर कपडे को  साफ़ करना है।
कितना भी मैला कपड़ा क्यों ना हो वो उसे लेने से कभी इंकार नही करता क्योकि वो जनता है कि मैल कोई और चीज है और इसके अंदर की सफेदी और चीज है । वो जनता है कि जितना भी मैला कपड़ा हो उसमे महनत कर उसकी सफेदी आ जायेगी ।
ठीक उसी प्रकार संत महात्मा बड़े दयालु होते हैं उनकी शरण में कोई कितना भी बड़ा पापी या अपराधी चला जाये चाहे किसी कौम या किसी भी मज़हब का क्यों ना हो  संत उनसे उनकी जात पात नही पूछते।

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